Wednesday, December 24, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeहरियाणा प्रदेशमोदी सरकार सहकारिता क्षेत्र के ज़रिये किसानों को खुशहाल बनाने के लिए...

मोदी सरकार सहकारिता क्षेत्र के ज़रिये किसानों को खुशहाल बनाने के लिए कर रही काम : केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह

पंचकूला, 24 दिसंबर । केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि
नरेन्द्र मोदी सरकार ने सहकारिता क्षेत्र के ज़रिये किसानों को खुशहाल बनाने की दिशा में काम किया है।
पंचकूला में एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि सरकार ने खेती के आधार को मजबूत किया है और
सहकारिता आंदोलन के जरिये किसानों को खुशहाल बनाने के लिए काम कर रही है।

कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) की ‘सहकारिता से खुशहाली – टिकाऊ खेती में सहकारिता
की भूमिका’ पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि नई कृषि नीति खेती में पानी और
रसायनों के इस्तेमाल कम करने पर ध्यान केन्द्रित करती है।
 ⁠

उन्होंने कहा कि सरकार एक या दो महीने में सहकारिता क्षेत्र में कैब सेवाओं से संबंधित ऐप ‘भारत
टैक्सी’ शुरू करने की योजना बना रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘देश में ड्राइवर, तिपहिया चालकों, युवाओं का एक बड़ा समूह है जो अपनी
मोटरसाइकिल को टैक्सी की तरह चलाते हैं। देश में कई कंपनियां हैं जो टैक्सी चलाने में लगी हुई हैं,
लेकिन मुनाफा मालिकों को जाता है, टैक्सी ड्राइवरों को नहीं।’’ उन्होंने कहा कि इसका मकसद
वाणिज्यिक वाहन चलाने वालों की निजी कंपनियों पर निर्भरता खत्म करना होगा।

उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय की पहल के जरिये, ‘‘हम एक या दो महीने में भारत टैक्सी
लाएंगे और मुनाफे का हर पैसा चालकों को जाएगा।’’

शाह ने पहले लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि डिजिटल ऐप, ‘भारत टैक्सी’, को
सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड चलाएगी, जो एक बहु-राज्यीय सहकारिता सोसायटी है और
एमएससीएस कानून 2002 के तहत छह जून, 2025 को पंजीकृत है।

खेती के क्षेत्र के बारे में, शाह ने कहा कि मिट्टी की सेहत, पानी की सुरक्षा, संस्थागत ऋण, बाजार
पहुंच, उत्पाद प्रसंस्करण और पैकिंग और विपणन के जरिये देश खेती के क्षेत्र को टिकाऊ खेती में
बदलने की ओर बढ़ गया है।

शाह ने कहा कि हरियाणा खेती और सहकारिता क्षेत्र में नए अध्याय लिख रहा है। ‘‘हम सब जानते हैं
कि हमारी 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष या
अप्रत्यक्ष रूप से खेती और पशुपालन पर निर्भर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम खेती और पशुपालन को देखें तो ये दोनों क्षेत्र सबसे ज्यादा रोज़गार पैदा
करते हैं। अगर हम सहकारिता को इन दोनों क्षेत्रों से जोड़ दें, तो रोजगार देने के साथ-साथ यह
किसानों को खुशहाल बना सकता है।’’

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे सहकारिता गांव के अंदरूनी इलाकों में महिलाओं की ज़िंदगी
बदल सकती है। उन्होंने गुजरात में अमूल का जिक्र किया, जो हर साल 36 लाख महिलाओं को
90,000 करोड़ रुपये बांटती है।
उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय बनाकर प्रधानमंत्री मोदी ने एक नया मंत्र दिया– ‘‘सहकार से
खुशहाली’’।

शाह ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले वर्ष 2014 में देश का कृषि बजट 22,000 करोड़
रुपये हुआ करता था, जो अब 1.27 लाख करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास बजट 80,000 करोड़ रुपये था जिसे बढ़ाकर 1.87 लाख करोड़ रुपये
कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से किसानों की आय बढ़ाने की नींव रखी गई।
अमूल के बारे में उन्होंने कहा कि जब इसे शुरू किया गया था, तब यह रोज़ाना 2,000 लीटर दूध
इकट्ठा करता था और अब यह पूरे देश में करोड़ों लीटर दूध इकट्ठा करता है।
शाह ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि 15 साल बाद देश में अमूल जैसी कम से कम 20
सहकारिताएं होंगी।’’

इस मौके पर, शाह ने पंचकूला से वर्चुअल तौर पर ‘मिल्क कूलिंग सेंटर’, सलेमपुर (भिवानी) संयंत्र
और जटूसाना (रेवाड़ी) में हैफेड आटा मिल का उद्घाटन किया।
उन्होंने हरियाणा के सहकारी बैंकों के लाभार्थियों को ‘रूपे’ प्लैटिनम डेबिट कार्ड भी बांटे।

इस मौके पर, शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (आईवाईसी) के दौरान की जा रही अलग-अलग
गतिविधियों को दिखाने वाले एक पोर्टल का भी उद्घाटन किया।
उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 24 फसलें खरीदने के लिए नायब सिंह सैनी सरकार
की तारीफ की। उन्होंने कहा कि किसानों की खरीदी गई फसल का पैसा 48 घंटे के अंदर उनके बैंक
खाते में भेज दिया जाता है। इस मौके पर सैनी समेत कई लोग मौजूद थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments