नई दिल्ली, 16 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र
(एनसीआर) में लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का
उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम दोपहर 12:30 बजे दिल्ली के रोहिणी में आयोजित
होगा। इस अवसर पर वह जनसमूह को भी संबोधित करेंगे। उद्घाटित होने वाली परियोजनाओं में
दिल्ली खंड का द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) शामिल हैं। इन
परियोजनाओं का उद्देश्य दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाना, यात्रा समय
कम करना और राजधानी को भीड़भाड़ से राहत दिलाना है। साथ ही यह प्रधानमंत्री मोदी के उस
विजन को मूर्त रूप देंगे, जिसके तहत देश में विश्वस्तरीय अवसंरचना तैयार कर नागरिकों के जीवन
को आसान बनाना और निर्बाध गतिशीलता सुनिश्चित करना है। 10.1 किलोमीटर लंबे इस खंड का
निर्माण लगभग 5,360 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। यह खंड यशोभूमि, दिल्ली मेट्रो की
ब्लू लाइन व ऑरेंज लाइन, आगामी बिजवासन रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर बस डिपो से बहु-
मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इसमें दो पैकेज शामिल हैं। पहले में शिव मूर्ति इंटरसेक्शन से
द्वारका सेक्टर-21 के रोड अंडर ब्रिज तक 5.9 किलोमीटर का हिस्सा है। दूसरे पैकेज में द्वारका
सेक्टर-21 आरयूबी से दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 4.2 किलोमीटर का हिस्सा है, जो सीधे अर्बन
एक्सटेंशन रोड-2 से जुड़ेगा। गौरतलब है कि द्वारका एक्सप्रेसवे का 19 किलोमीटर लंबा हरियाणा
खंड प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2024 में जनता को समर्पित किया था। प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के
अलीपुर से दिघांव कलां तक के हिस्से और बहादुरगढ़ व सोनीपत को जोड़ने वाले नए लिंक मार्गों का
भी उद्घाटन करेंगे। इस परियोजना का निर्माण लगभग 5,580 करोड़ रुपये की लागत से किया गया
है। यह मार्ग दिल्ली की इनर व आउटर रिंग रोड, मुकर्बा चौक, धौला कुआं और राष्ट्रीय राजमार्ग-09
पर यातायात का दबाव कम करेगा। साथ ही नए स्पर मार्ग बहादुरगढ़ और सोनीपत तक सीधी पहुंच
देंगे, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों से संपर्क बेहतर होगा, माल परिवहन तेज होगा और दिल्ली के भीतर
यातायात भार घटेगा। इन दोनों परियोजनाओं से दिल्लीवासियों और एनसीआर के लोगों को बड़ी
राहत मिलने की उम्मीद है। नई सड़कें न केवल सफर को आसान बनाएंगी बल्कि दिल्ली की प्रमुख
सड़कों पर होने वाली भीड़भाड़ को भी कम करेंगी। इससे माल ढुलाई सुगम होगी और औद्योगिक व
आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

