Saturday, December 6, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तराखंडभाकियू ने प्रधानमंत्री को भेजा मांगों से संबंधित ज्ञापन

भाकियू ने प्रधानमंत्री को भेजा मांगों से संबंधित ज्ञापन

एमएसपी की गारंटी, कर्जमाफी और अग्निवीर योजना की वापसी की मांग

हरिद्वार, 22 जून । भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) की ओर से वीआईपी घाट
पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर के समापन पर किसानों से जुड़ी 16 मांगों का एक
ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजा गया है। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल तालान ने इन
मांगों को देश के करोड़ों किसानों की आवश्यकताओं से जोड़ते हुए केंद्र सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की।

राष्ट्रीय अध्यक्ष तालान ने कहा कि दिल्ली के लम्बे आंदोलन के बाद भारत सरकार ने एमएसपी
कानून पर लिखित आश्वासन दिया था। उन्हाेंने मांग की कि किसानों की एमएसपी के दायरे में आने
वाली समस्त जींशो की एमएसपी पर गारण्टेड बनाये जाये। किसान का सम्पूर्ण कर्जा माफ किया जाये

व खेती के काम आने वाले उपकरणों (ट्रैक्टर इंजन आदि) को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाना
चाहिए। स्वामीनाथन की कमेटी के फार्मूले के आधार पर किसानों की जींशो की कीमत तय की जाये।
कृषि से जुडे़ हुये उत्पाद को भी एमएसपी के दायरे में लाया जाये। जैसे की दूध, फल, सब्जी,

मत्स्यपालन आदि। खनौरी बॉर्डर व शम्भू बॉर्डर पर 13 जनवरी 2024 के आन्दोलन में किसानो पर
लगे सभी मुकदमो समाप्त किय जाए व आन्दोलन के दरमियांन शहीद परिवारों को 25 लाख
मुआवजा राशि व परिवार के एक सदस्य को एक सरकारी नौकरी दी जाए।

लखीमपुर खीरी किसानों की हत्या काण्ड में लिप्त अभियुक्तों को लम्बें समय के बाद कोई सजा नहीं
मिली है, जबकि प्रजातांत्रिक प्रणाली के द्वारा 2024 के लोक सभा चुनाव में हराकर उनके अभियुक्त
होने का प्रमाण जनता ने दे दिया है।

पंजाब व हरियाणा में 13 फरवरी 2024 से चल रहे किसान धरने का अविलम्ब निवारण कराया
जायें। सम्पूर्ण भारत में गन्नें की कीमतें 600 प्रति कुन्टल की जाये। देश में सरकार ने गन्ना मिल

मालिकों को एथनॉल बनाने की अनुमति देकर देश के पूंजीपति व सरकार न बड़ा लाभ कमाया है,
जिसमें प्रमुख उत्पादककर्ता किसान का मुख्य लाभ सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। पेपर लीक
होने की दशा में एक कठोर कानून बनाया जाये क्योकि इसमें किसानों के बच्चों का भविष्य

अंधकारमय व आर्थिक नुकसान हो रहा है। अग्निवीर जैसी योजनाओं को तत्काल प्रभाव से रद्द
किया जाये। सम्पूर्ण भारत में कृषि भूमि का सर्किल रेट समान रूप से बढ़ना चाहिए। सरकारी
संस्थाओं का निजीकरण पूर्णतः रोका जाये। भूमि अधिग्रहण में 2013 के मूल स्वरूप को लागू करते

हुए सर्किल रेट के साथ-साथ बाजार रेट क संज्ञान लेकर किसान को मुआवजा दिया जाना चाहिए।
किसानों व मजदूरों के बच्चों को शिक्षा व चिकित्सा प्राईवेट व सरकारी संस्थानों में निशुल्क प्रदान की
जायें। खेतीहर-मजदूरों को भूमिहीन किसानों की श्रेणी में लाकर किसान सम्मान निधी जैसी सरकारी

योजनाओं में शामिल किया जाये। सम्पूर्ण भारत में किसानों के निजी नलकूप का विद्युत बिल माफ
किया जाना चाहिए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments