Saturday, December 6, 2025
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Homeउत्तराखंडयोग पूरी मानवता के लिए एक सांझी धरोहर बना : मुर्मु

योग पूरी मानवता के लिए एक सांझी धरोहर बना : मुर्मु

देवभूमि योगमय, राष्ट्रपति मुर्मु ने देहरादून में किया योग, कहा-देश के योग, चेतना और विरासत का
केंद्र है उत्तराखंड

देहरादून, 21 जून । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को
पुलिस लाइन में योगाभ्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि
उत्तराखंड का क्षेत्र योग और आध्यात्मिक परंपराओं का केंद्र रहा है। उन्होंने कामना की कि योग के
प्रयोग से समस्त विश्व के निवासी स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे। उन्होंने कहा कि योग पूरी मानवता के

लिए सांझी धरोहर बन चुका है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि योग का अर्थ जोड़ना है। योग का अभ्यास
व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को जोड़ना तथा स्वस्थ बनाना है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से यह एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से, एक समुदाय को दूसरे समुदाय

से और एक देश को दूसरे देश से जोड़ने का काम भी कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि इसी उद्देश्य
को ध्यान में रखकर 11वीं योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य” रखा गया है। उन्होंने कहा
कि भारत की पहल पर योग से विश्व समुदाय का सम्मान बढ़ा है। दुनिया भर के लोग इससे
लाभान्वित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि योग अभ्यास से समस्त विश्व के लोग स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे। उन्होंने कहा कि
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस आयोजन का प्रस्ताव स्वीकार किया
और ये स्पष्ट किया कि योग सम्पूर्ण जनसंख्या को स्वस्थ बनाने के लिए लाभदायी रहेगा। इस

अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड गुरमीत सिंह, वन मंत्री सुबोध उनियाल
सहित विभिन्न स्कूलों के बच्चे, अधिकारी और अभिभावकों ने योगाभ्यास किया।
जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का
हिस्सा है, जिसने संपूर्ण विश्व को जोड़ने का कार्य किया है। प्रसन्नता की बात है कि आज यह दिवस

न केवल भारत के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए स्वास्थ्य, शांति और समरसता का प्रतीक बन
चुका है। उत्तराखंड जैसी आध्यात्मिक और प्राकृतिक भूमि पर योग का अभ्यास विशेष महत्व रखता
है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और
स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड की ओर से तैयार की की गई भारत की
पहली योग नीति- 2025 की विशेषताएं और लक्ष्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह नीति
भारत का पहला योग उद्यमिता और अनुसंधान हब बनाएगी।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राज्य का मुख्य योग कार्यक्रम भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में आयोजित किया
गया। इसमें कई देशों के राजदूत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मंत्री धन सिंह रावत सहित विभिन्न
गणमान्य लोग शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने ‘हर घर योग, हर जन निरोग’ अभियान
का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और गौरवशाली परपंरा का अमूल्य उपहार है। योग
न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है बल्कि सकारात्मक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देवभूमि उत्तराखंड से निकला योग पूरे
विश्व में आज अपनाया जा रहा है। हम सभी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ
व संतुलित समाज के निर्माण में सहभागी बनें।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में प्रातः काल भ्रमण के दौरान परिसर में लगे सेब के
पौधों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पौधे न केवल उत्तराखंड में सेब की खेती की
अनुकूलता को दर्शाते हैं, बल्कि एप्पल मिशन के अंतर्गत चल रहे अभूतपूर्व कार्यों का भी प्रमाण हैं।
इस अवसर पर स्थानीय निवासियों एवं युवा साथियों से भेंट कर प्रदेश सरकार की ओर से किए जा
रहे विकासपरक एवं जनकल्याणकारी कार्यों पर उनका फीडबैक भी प्राप्त किया।

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