Saturday, December 6, 2025
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ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में गरमाई बहस : राहुल बोले- “सेना को फ्रीडम चाहिए, सरकार ने राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई”

राहुल ने कहा- पहलगाम में जो हुआ गलत हुआ, आतंकियों ने बर्बरता से हत्या की

नई दिल्ली, 29 जुलाई । लोकसभा में मंगलवार दोपहर से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी
है। लोकसभा के नेता विपक्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- पहलगाम में लोगों की निर्दयता के
साथ हत्याएं की गईं। हम अपनी सरकार-सेना के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। उन्होंने कहा-

राजनैतिक काम करते हुए हम पूरे देश में जाते हैं। लोगो से मिलते हैं दुख में सुख में। जब भी मैं
सेना के किसी शख्स के घर जाता हूं जैसे ही हाथ मिलाता हूं तो पता लग जाता है कि हिंदुस्तान की
फौज में है। इसको कहीं भी भेज दो ये देश के लिए लड़ने-मरने के लिए तैयार हैं।

राहुल से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि लोग सरकार के भरोसे पहलगाम गए थे, लेकिन
सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया। पहलगाम में जब लोगों को मारा जा रहा था, तब वहां
एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं दिखा। प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय लेने आगे आ जाते हैं, जिम्मेदारी
लेने क्यों नहीं आते। प्रियंका से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र से सवाल किया- सरकार

बताए कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश है। हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना आतंकवाद से
हैं। जिन एयरक्राफ्ट को नींबू-मिर्च लगाकर पूजा, वे कितने उड़े थे?
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि
जिन आतंकियों ने पहलगाम में बायसरन घाटी में 26 पर्यटकों को मारा था, ऑपरेशन महादेव में

सोमवार को उन्हें ढेर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आतंकियों के नाम सुलेमान, फैजल अफगान
और जिब्रान हैं। सुलेमान लश्कर का कमांडर था। इसके ढेरों सबूत हैं। अफगान और जिब्रान ए श्रेणी
के आतंकी थे। आतंकियों की मदद करने वाले 2 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
राहुल ने राजनाथ सिंह के भाषण पर पलटवार किया

कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि राजनाथ सिंह ने 1971 की तुलना
ऑपरेशन सिंदूर से की। उस वक्त इंदिरा गांधी में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। हमने अमेरिका की
नहीं सुनी। इंदिरा गांधी ने जनरल मानेक शॉ को आजादी दी। तब एक लाख पाकिस्तान सैनिकों ने
सरेंडर किया और एक नया देश बना। ऑपरेशन सिंदूर पर मैंने राजनाथ सिंह जी का भाषण सुना।

ऑपरेशन सिंदूर में सरकार ने पाकिस्तान को आपने पहले ही बता दिया था। आपने पाकिस्तान को
सीधे अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति बता दी। हमने पाकिस्तान को बता दिया कि हमारी राजनीतिक
इच्छाशक्ति नहीं है। भारत सरकार पाकिस्तान को खुद ही बता रही है कि हमें युद्ध नहीं चाहिए।

दूसरा मुद्दा राजनीतिक है। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान को बताया कि हम आपके
सैन्य ठिकानों को लक्षित नहीं करना चाहते हैं।
कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि कानपुर में दूसरे परिवार से मिला। मैं
कहता हूं जो हुआ गलत हुआ। सभी ने निंदा की। जब भी मैं सेना के किसी व्यक्ति से मिलने के

दौरान हाथ मिलाता हूं तो मुझे पता लग जाता है कि यह टाइगर है। सेना का जवान देश के लिए
लड़ने-मरने के लिए तैयार रहता है। सेना का प्रयोग करने से पहले सरकार के पास राजनीतिक
इच्छाशक्ति होनी चाहिए। सेना को आजादी देनी पड़ती है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल
गांधी ने कहा कि पहलगाम हमले की हर किसी ने निंदा की ऑपरेशन सिंदूर से पहले ही विपक्ष

सरकार और सेना के साथ था। विपक्ष के नाते हम एकजुट होकर सरकार के साथ थे। मैं करनाल में
नरवाल के घर गया। मैंने उनका दुख महसूस किया।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पहलगाम हमले ने देश को
झकझोर दिया। भारत की सेना को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। केवल 22 मिनट में आतंकी

ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले के आतंकी मारे गए। हमले
के बाद पीएम मोदी ने आतंकवाद को कड़ा जवाब देने का संकल्प लिया। हमने पाकिस्तान के आतंकी
ठिकानों को निशाने पर लिया। पाकिस्तान ने घुटने टेककर संघर्ष विराम की भीख मांगी। इसके बाद

संघर्ष विराम हुआ। ऑपरेशन सिंदूर एक विराम है। पूर्ण विराम नहीं। विपक्ष कह रहा है कि ट्रंप ने
यह कहा, वो कहा। विपक्ष को अपने पीएम पर भरोसा नहीं है। भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को
मजबूत किया है। विपक्ष कह रहा है कि विदेश नीति फेल हो गई है, यह पाकिस्तान की भाषा बोल

रहा है। विपक्ष पाकिस्तान की भाषा बोलता है। प्रतिनिधिमंडल में विदेश गए एक विपक्षी सांसदों को
विपक्ष ने किनारे लगा दिया। एक सांसद ने तो मौन व्रत ले लिया। यह कांग्रेस के हालात हैं। भारत
सुनने वाला नहीं आज नेतृत्व करने और बोलने वाला देश है।

सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने सटीकता से जवाब दिया तो
सीजफायर की घोषणा किसने की? भारत को यह सूचना क्यों अमेरिका के राष्ट्रपति से मिली? भारत
की विदेश नीति पूरी तरह से फेल है। विश्व गुरु का जो माहौल देश-विदेश में बन रहा है, यह पूरी
तरह से फेल है। आईएमएफ, विश्व बैंक, एडीबी ने पाकिस्तान को ऋण दिया है। यूएनएससी में

आतंकवाद विरोधी समिति का उपाध्यक्ष बना दिया गया। इससे साफ है कि भारत की विदेश नीति
फेल है। अगर चीफ डिफेंस स्टाफ ने यह बात कही कि हमारे लड़ाकू विमान गिरें हैं तो कल को
इनकी संख्या पता लग ही जाएगी। विमान क्यों गिरे, यह सरकार बताए। सरकार यह बात जानती ही

नहीं थी कि चीन पाकिस्तान का समर्थन कर रहा था। यह इंटेलीजेंस फेलियर था। भारत का रक्षा
बजट बढ़ाकर तीन फीसदी किया जाए। अग्निवीर योजना को समाप्त किया जाए। सपा सांसद डिंपल
यादव ने कहा कि सेना ने हमेशा मातृभूमि की रक्षा की है। सेना हमारा अभिमान और सम्मान है।

पहलगाम आतंकी हमला भारत की सुरक्षा पर आघात था। सरकार बताए कि आखिरकार पहलगाम में
घटना क्यों घटी? क्या भारतीय की जान की कोई कीमत नहीं है। पहलगाम घटना के लिए सरकार

जिम्मेदार है। जब पहलगाम हमला हुआ तो अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत में थे। पहलगाम के अलावा
60 अन्य जगह आतंकियों के निशाने पर थे।
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने कहा कि बॉर्डर पर रहने वाले लोगों के बारे में
कोई नहीं सोचता। जंग में लोगों का नुकसान होता है। बॉर्डर पर रहने वाले लोगों को कोई मुआवजा

या मदद नहीं मिलती। सरकार बॉर्डर बंद कर देती है तो छोटे दुकानदारों का नुकसान होता है। जबकि
बड़े कारोबारियों का काम चलता है। सीमापार से ड्रोन और हथियार आ रहे हैं। कानून-व्यवस्था बदहाल
हो गई है। स्वर्ण मंदिर को उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। पहलगाम में सुरक्षा में चूक हुई है। भारत-
पाकिस्तान मैच हो सकता है तो दलजीत दोसांझ की मूवी क्यों नहीं चल सकती?

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि गृह मंत्री ने कई सारे मुद्दों पर बात की। लेकिन उन्होंने
सुरक्षा के मुद्दे पर कोई बात नहीं की। हमले के वक्त मैं श्रीनगर में था तो प्रमुख सचिव ने मुझे
दुर्घटना की जानकारी दी। पहले हमें लगा कि कुछ छोटा मोटा होगा, लेकिन बाद में हमें पता लगा
कि यह बड़ा आतंकी हमला है। हमले से पहले खुफिया के पास जानकारी थी। जब सरकार ने पर्यटकों

से कहा है कि वहां घूमने जाएं तो उनको सुरक्षा मुहैया कराना आपका दायित्व नहीं है।
डीएमके सांसद ए राजा ने कहा कि विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री ने बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन कोई
भी तथ्यात्मक बात नहीं थी। भाजपा हमेशा नेहरू, इंदिरा, राजीव और राहुल गांधी के बारे में ही बात
करती है। भाजपा बस बड़े-बड़े दावे करती है। पहलगाम हमले को लेकर आतंरिक रिपोर्ट के बावजूद

वहां कोई सुरक्षा बल नहीं था। सरकार कहती है कि इंदिरा गांधी गलत थी, नेहरू गलत थे। जब मसूद
अजहर को छोड़ा गया तो पीएम अटल बिहारी थे। यह भारत की कूटनीतिक असफलता थी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि 1972 से लेकर 2007 तक कांग्रेस ने मानेक शॉ को पेंशन
तक नहीं दी। कांग्रेस आर्मी चीफ की इज्जत नहीं करती है। 1962 में कांग्रेस ने नेहरू के चचेरे भाई

कौल को असम नेपा का हेड बनाया। उस युद्ध में हमारे खिलाफ अमेरिका और चीन थे। जब हम
हार गए तो कौल भाग आया। नेहरू ने उस युद्ध में वायुसेना का उपयोग नहीं करने दिया। कांग्रेस ने
1962,1965 और 1971 में कितने एयरक्राफ्ट गिरे यह कभी नहीं बताया। 1948 से पाकिस्तान को

आईएमएफ लोन देता रहा, कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं दिया। अग पहलगाम हमले के बाद भारत ने
ऋण का विरोध किया। भाजपा के लिए एक-एक नागरिक महत्वपूर्ण है। हर आतंकी को मिट्टी में
मिलाएंगे। पीओके को भारत में मिलाएंगे।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि 1972 से लेकर 2007 तक कांग्रेस ने मानेक शॉ को पेंशन
तक नहीं दी। कांग्रेस आर्मी चीफ की इज्जत नहीं करती है। 1962 में कांग्रेस ने नेहरू के चचेरे भाई

कौल को असम नेपा का हेड बनाया। उस युद्ध में हमारे खिलाफ अमेरिका और चीन थे। जब हम
हार गए तो कौल भाग आया। नेहरू ने उस युद्ध में वायुसेना का उपयोग नहीं करने दिया। कांग्रेस ने
1962,1965 और 1971 में कितने एयरक्राफ्ट गिरे यह कभी नहीं बताया। 1948 से पाकिस्तान को
आईएमएफ लोन देता रहा, कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं दिया। अग पहलगाम हमले के बाद भारत ने

ऋण का विरोध किया। भाजपा के लिए एक-एक नागरिक महत्वपूर्ण है। हर आतंकी को मिट्टी में
मिलाएंगे। पीओके को भारत में मिलाएंगे। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि पाकिस्तान को
जिन्ना और लियाकत अली ने बनाया। जब लियाकत अली जब देश का कट्टर नागरिक होना चाहता
था तो नेहरू ने अपनी बहन विजय लक्ष्मी पंडित को मॉस्को राजदूत बनाया तो लियाकत अली दुखी

हुआ और उसने भारत को बांट दिया। यही परिवारवाद कांग्रेस को यहां तक ले आया। कांग्रेस के 40
सांसद रूस के लिए मुखबिरी करते थे।
खरगे ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा कि हम

पाकिस्तान की निंदा करते रहे हैं, लेकिन हम इधर निंदा करते हैं और आप जाकर उनकी दावत में
जाकर उन्हें गले लगा लेते हैं। आप खुद ही गलती करते हैं और दूसरों को पाठ पढ़ाते हैं। ऐसा नहीं
करना चाहिए। हमारी पार्टी का देश के विकास में बड़ा योगदान है, लेकिन आपके पास एक भी ऐसी
उपलब्धि नहीं है। आप पंडित नेहरू को बहुत कोसते हैं। सच बताइए। गृह मंत्री पहलगाम हमले से

पहले जम्मू कश्मीर में सुरक्षा हालात की समीक्षा करने गए थे और उन्होंने कहा था कि कश्मीर में
सुरक्षा ट्रिपल कर दी गई है, अगर ऐसा है तो पहलगाम में आतंकी कहां से आए? हमले से सिर्फ तीन
दिन पहले प्रधानमंत्री ने अपना कश्मीर दौरा रद्द कर दिया था। मैंने पहले भी पूछा था, लेकिन जवाब
नहीं मिला कि क्या आपके पास आतंकी हमले की सूचना थी? 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में

हमला हुआ, लेकिन सरकार कह रही है कि जो कुछ हमने किया, वो सही किया। राहुल गांधी ने
पहलगाम हमले को लेकर विशेष सत्र बुलाने की मांग की, लेकिन सरकार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
सरकार को बहुत अहंकार है। जवाब देने की फुर्सत नहीं है, लेकिन लोगों को गले पड़ने की फुर्सत है।

1962 में भारत-चीन युद्ध चल रहा था, तब चंद सांसदों की मांग पर विशेष सत्र बुलाया जाना
चाहिए। प्रधानमंत्री ने बुलाया और कहा कि देश की जनता को ये पता चलना चाहिए, लेकिन आप
मना कर देते हैं। हमले के बाद प्रधानमंत्री बिहार में चुनाव प्रचार कर रहे थे। 24 अप्रैल को सरकार ने

सर्वदलीय बैठक बुलाई, उसमें भी पीएम मोदी नहीं आए और सऊदी अरब से आकर बिहार चुनाव
प्रचार करने चले गए। क्या प्रधानमंत्री की यही गंभीरता है?

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