मांग : सरकार फीजी वायरस से खराब हुई फसल की गिरदावरी करवाकर मुआवजा दें
कैथल, 30 जुलाई । युवा भाकियू हरियाण प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड ने कहा कि हरियाणा के कई जिलों में धान की फसल पर एक गंभीर संकट ने दस्तक दे दी है। फीजी वायरस नामक एक संक्रामक बीमारी ने खेतों में तेजी से फैलते हुए किसानों की कमर तोड़ दी है। इस वायरस के कारण धान के पौधों की प्राकृतिक वृद्धि रूकने के साथ पौधे बौने हो गए हैं और इनका विकास रुक जाने से उपज लगभग शून्य के बराबर हो सकती है। उन्होंने मांग है कि सरकार इस आपदा को फसल आपदा घोषित करे और नुकसान की भरपाई के लिए जहां भी
फसल में यह बीमारी फैली है उसकी गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए। कस्बे में बातचीत करते हुए किसान नेता राजीव आर्य ने कहा कि फीजी वायरस एक प्रकार का फसलजनित रोग है, जो मुख्य रूप से नर्सरी से लेकर मुख्य खेत तक फैलता है। इस रोग के लक्षणों में मुख्य रूप से पौधे का सामान्य आकार से बेहद छोटा रह जाना (बौना होना), पत्तियों में हल्की पीली धारियां, नई कोंपलों का विकसित न होना, खेत में कई जगहों पर फसल का पूरी तरह से सूख जाना आदि शामिल है। अगर जल्द सहायता नहीं मिली तो धान
उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में फैलता फीजी वायरस अब एक गंभीर संकट का रूप ले चुका है। यह न केवल कृषि उत्पादन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि किसानों के भविष्य पर भी बड़ा खतरा बन गय है। सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाकर राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, ताकि अन्नदाता को इस दोहरी मार से उबारा जा सके। युवा किसान नेता राजीव आर्य ढांड ने कहा कि वायरस के प्रभाव से फसल की गुणवत्ता और उपज पर बेहद बुरा असर पड़ा है। ऐसे में किसान अपनी मेहनत से तैयार
की गई फसल को खेतों में ही जोतने या नष्ट करने को मजबूर हैं। कई किसानों ने बताया कि वे दोबारा धान की रोपाई कर रहे हैं, लेकिन इस बीच उन्हें बीज, खाद, कीटनाशक और मजदूरी पर दोबारा खर्च करना पड़ रहा है।

