रोहतक, 30 दिसंबर । एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक उपलब्धि के तहत दादा लखमी चंद राज्य
प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय (डीएलसी सुपवा), रोहतक ने फिल्म एवं टेलीविजन के 2018
बैच के 40 छात्रों के वर्षों से लंबित डिग्री प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। कई वर्षों से
रुकी हुई इन परियोजनाओं की शूटिंग आज संपन्न हुई, जिससे प्रभावित छात्रों को लंबे समय से
प्रतीक्षित शैक्षणिक समाधान प्राप्त हुआ।
उल्लेखनीय है कि 2018 बैच के 11 डिग्री प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ विश्वविद्यालय ने समानांतर रूप
से 2020 बैच की 10 लॉन्ग-शॉट फ़िल्मों, 2021 बैच के 12 म्यूज़िक वीडियो प्रोजेक्ट्स, 2023–24
बैच की 6 स्टूडियो फ़िल्मों तथा 2024-25 बैच की छह डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों की शूटिंग भी पूरी की। 21
सितम्बर से शुरू हुए इस शूटिंग शेड्यूल से लगभग 120 छात्रों को लाभ मिला। सभी डिग्री प्रोजेक्ट्स
का प्रस्तुतीकरण फरवरी 2026 में जूरी के समक्ष किया जाएगा।
यह उपलब्धि कुलपति डॉ. अमित आर्य के निर्णायक प्रशासनिक हस्तक्षेप का परिणाम है, जिन्होंने
पदभार ग्रहण करते ही फिल्म एवं टीवी विभाग के लंबित प्रोजेक्ट्स के निपटारे को प्राथमिकता दी।
डॉ. आर्य ने स्वयं उत्पादन प्रक्रिया के व्यापक पुनर्गठन की निगरानी की, जिसमें अनुमोदनों में तेजी,
उपकरणों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करना, लॉजिस्टिक सहयोग को सुदृढ़ करना तथा
निष्पादन को तेज़ करने के लिए अतिरिक्त तकनीकी संसाधनों की तैनाती शामिल रही।
अंतिम दिन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अमित आर्य ने शूटिंग स्थल का दौरा किया। उन्होंने
छात्रों और संकाय सदस्यों से संवाद किया तथा लंबे विलंब के बावजूद प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के
लिए उनके धैर्य, प्रतिबद्धता और जज़्बे की सराहना की।
छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. आर्य ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स में हुई देरी का असर मौजूदा
शैक्षणिक कार्यों पर भी पड़ रहा था। शैक्षणिक निरंतरता बहाल करने के लिए इनका पूरा होना अत्यंत
आवश्यक था। हमारे संकाय के सामूहिक प्रयास और शूटिंग कंसल्टेंट्स व पूर्व छात्रों हरिओम कौशिक
और अभिमन्यु के अमूल्य सहयोग से हम इस कार्य को रिकॉर्ड 100 दिनों में पूरा कर पाए हैं। उन्होंने
आगे आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय शैक्षणिक नियमितीकरण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है और
कहा कि विभिन्न बैचों के शेष सभी लंबित प्रोजेक्ट्स अगले 18-24 महीनों के भीतर पूरे कर लिए
जाएंगे।

