सावन के महीने में हर कोई भगवान शिव को तरह-तरह से प्रसन्न करना चाहता है। कोई शिवजी को जल अर्पित कर रहा है तो कोई उनका गंगाजल से अभिषेक करने के लिए कांवड़ लेने जा रहा है। कोई शिवजी को बेल पत्र चढ़ा रहा है तो कोई रुद्राभिषेक, शिवार्चन कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवजी को एक आसान और मुफ्त के तरीके से खुश किया जा सकता है। शिवजी को यह उपाय इतना प्रिय है कि इससे उनका क्रोध दूर हो जाता है और वह खिलखिलाकर हंसने लगते हैं। इस उपाय का वर्णन शिव पुराण में मिलता है। ऐसे में आइये शिव पुराण की कथा से जानते हैं, भगवान शिव को किस तरीके से आसानी से खुश किया जा सकता है।
दक्ष प्रजापति के यज्ञ में कूद गई थीं मां सती
कथा इस प्रकार है कि दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया था लेकिन उन्होंने अपनी पुत्री सती और दामाद शिवजी को आमंत्रित नहीं किया था। लेकिन पिता के प्रेम में मां सती यज्ञ में जाने की जिद करने लगी। शिवजी ने मना किया लेकिन तब भी वह यज्ञ में गईं। वहां जाकर माता सती को अपमानित महसूस हुआ। ऐसे में उन्होंने यज्ञ की आग में कूदकर खुद की आहुति दे दी। शिवजी को जैसे ही यह पता चला तो उन्हें भयंकर क्रोध आया। शिवजी के क्रोध से सृष्टि में हाहाकार मच गया था। प्राणी भयभीत होने लगे थे।
शिवजी के क्रोध
तब शिवजी के क्रोध ने मचाई तबाही क्रोध में शिवजी दक्ष प्रजापति के यज्ञ में पहुंचे और अपने बाल से वीरभद्र को उत्पन्न किया। वीरभद्र ने दक्ष प्रजापित के यज्ञ को तहस नहस कर दिया और पूरे यज्ञ को नष्ट कर दिया। वीरभद्र ने इसके बाद दक्ष प्रजापति का सिर काटकर नीचे फेंक दिया। चूंकि दक्ष प्रजापति भगवान विष्णु के परम भक्त थे तो विष्णु भगवान अपने भक्त की यह स्थिति देखने के बाद देवताओं के साथ शिवजी का क्रोध शांत करने के लिए पहुंचे।
दक्ष प्रजापति की आवाज सुनकर हंसने लगे शिवजी
देवताओं ने शिवजी को काफी मनाया। तब जाकर उनका क्रोध कुछ हद तक शांत हुआ। फिर सभी मिलकर दक्ष प्रजापति की जान बचाने के लिए शिवजी से गुहार लगाने लगे। तब शिवजी ने दक्ष प्रजापति के धड़ पर बकरे का सिर लगाया। और उनकी जान बचाई। बकरे के सिर से जीवित होकर दक्ष प्रजापति ने शिवजी से माफी मांगी। वह शिवजी से माफी मांगने के लिए जब बोल रहे थे तो बकरे की आवाज निकलने लगी, जिसे सुनकर शिवजी का क्रोध पूरी तरह शांत हो गया और वह ये आवाज सुनकर हंसने लगे।
कैसे महादेव को किया जा सकता है प्रसन्न
तब से माना जाता है कि शिवजी की पूजा के बाद इस तरह की आवाज निकालने से महादेव प्रसन्न होते हैं। इसके लिए अपने एक गाल पर अंगूठा और दूसरे पर मध्यमा अंगुली रखते हुए मुंह से डमरू की तरह आवाज निकालें, इससे शिवजी अपने भक्तों से खुश होते हैं। यह भगवान शिव को प्रसन्न करने का आसान और मुफ्त तरीका है। सावन में इस तरीके से शिवजी की कृपा पाई जा सकती है।

