सिरसा, 25 दिसंबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हिसार विभाग के प्रचार प्रमुख प्रोफेसर डॉ.
गौतम सुथार ने कहा कि महाराजा सूरजमल ऐसे योद्धा थे जिन्होंने जीवन की हर लड़ाई जीती और
मुगलों के अत्याचार के खिलाफ हमेशा डटकर खड़े रहे। अहमद शाह अब्दाली जैसे शासकों को भी
महाराजा सूरजमल ने मुंह तोड़ जवाब दिया था। प्रो. गौतम सुथार गुरुवार को सिरसा जिले के गांव
फूलकां में महाराजा सूरजमल के शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
प्रो. गौतम ने कहा कि 25 दिसंबर का दिन महाराज सूरजमल की जीवन गाथा का प्रतीक है। उनके
शौर्य, धैर्य और प्रताप की कहानी आज भी इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। जब मराठों और
मुगलों की राजनीति उत्तर भारत में शक्ति का खेल खेल रही थी, तब महाराजा सूरजमल सिर्फ
सिंहासन नहीं, बल्कि जनता की अस्मिता और सम्मान के प्रहरी बनकर खड़े हुए। पानीपत के तीसरे
युद्ध में जब मराठाओं की सेना टूटी, भूख-बीमारी से जूझती रही, तब भी महाराजा सूरजमल ने
जाति-धर्म-द्वेष से ऊपर उठकर इंसानियत का परिचय दिया। 25 दिसम्बर 1763 को दिल्ली के
निकट यमुना-हिंडन दोआब में यह शूरवीर योद्धा दुश्मन के धोखे का शिकार होने के कारण वीरगति
को प्राप्त हुआ।
प्रो. गौतम सुथार न युवाओं को जागरूक करते हुए ‘जागो हिंद के शेरो’ गीत सुनाया और सिख धर्म
के शहीदी दिवस को याद करते हुए उनकी शहादत को भी नमन् किया। उन्होंने कहा कि अपने राष्ट्र
के लिए शहादत देने वाले वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी सार्थक होगी जब हम वर्तमान दौर में
समाज के अंदर फैली कुरीतियों को खत्म कर सकें। उन्होंने आह्वान किया कि जहां हमें जात-पात से
ऊपर उठकर एकजुट होना होगा, वहीं पर्यावरण बचाव के भी प्रयास करने होंगे।

