समर्पण, सेवा और श्रद्धा का प्रतीक बना सुरेश सरदाना का तीसरा चयन, स्वामी ज्ञानानंद जी की अध्यक्षता में हुआ शुभ निर्णय
इंडिया गौरव, राहुल सीवन। धार्मिक सेवा, निष्कलंक समर्पण और समाज कल्याण की भावना से ओतप्रोत श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति, सीवन के सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन समिति के पूर्व प्रधान सुरेश सरदाना उर्फ राजू के निवास स्थान पर हुआ। इस भावपूर्ण आयोजन की अध्यक्षता स्वयं गीता मनीषी व महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने की।
बैठक में समिति के वरिष्ठ सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें निवर्तमान प्रधान संजय आहूजा शंटी, उप-प्रधान राजीव मिड्ढा, कोषाध्यक्ष गिरधारी गंभीर, हरिकिशन तनेजा, हरदीप नागपाल, राजेंद्र कामरा, सचिव मोंटी कामरा, कृष्ण वधवा, महेंद्र मुंजाल सहित कई श्रद्धाभाव से जुड़े अन्य सदस्य शामिल रहे।
धार्मिक वातावरण में संपन्न इस बैठक में उप-प्रधान राजीव मिड्ढा ने बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ सुरेश सरदाना का नाम समिति के प्रधान पद हेतु प्रस्तावित किया। यह प्रस्ताव न केवल सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, बल्कि स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज की मौन स्वीकृति और आशीर्वाद से इसे आध्यात्मिक बल भी प्राप्त हुआ।इस प्रकार, समर्पण और सेवा के प्रतीक सुरेश सरदाना तीसरी बार श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति सीवन के प्रधान निर्वाचित हुए।
उन्होंने समिति की स्थापना वर्ष 2003 में होने की जानकारी देते हुए भावुक स्वर में बताया कि अब तक वे दो बार लगभग 15 वर्षों तक समिति का नेतृत्व करते आ चुके हैं, और प्रत्येक बार उन्होंने इसे एक परिवार की तरह संभाला है।एक विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह पद कोई सम्मान नहीं, बल्कि सेवा का अवसर है। मैं पहले की तरह पूरे समर्पण भाव से से समिति के प्रत्येक कार्य को पूरी निष्ठा व लगन से निभाता रहा रहूंगा और आगे भी पूज्य स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के दर्शाए मार्ग पर अडिग रहकर अपना जीवन अर्पित करता रहूंगा।
नवनिर्वाचित प्रधानसुरेश सरदाना ने निवर्तमान प्रधान संजय आहूजा की कार्यशैली की भूरि-भूरि प्रशंसा की और कहा कि संजय जी ने भी अपने 2 बार के कार्यकाल में समिति को एकजुट बनाए रखा और सामाजिक, धार्मिक गतिविधियों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया।बैठक में आगामी कार्यक्रमों, भंडारों, धार्मिक यात्राओं व सेवा प्रकल्पों की रूपरेखा पर भी विस्तृत विमर्श हुआ, जिसमें समिति को जनकल्याण की दिशा में और अधिक सशक्त करने के संकल्प लिए गए।बैठक का समापन पूज्य स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के पावन आशीर्वाद, आध्यात्मिक संदेश और भक्ति भावना से परिपूर्ण उपदेशों के साथ हुआ।
उनके शब्दों ने सभी सदस्यों में एक नई ऊर्जा, दिव्यता और सेवा भाव का संचार कर दिया।अंत में सभी उपस्थितों को प्रसाद वितरित किया गया और सामूहिक भजन-संकीर्तन की मधुर लहरियों के बीच वातावरण भक्तिमय हो उठा। यह आयोजन श्रद्धा, एकता और सेवा भाव का अनुपम उदाहरण बन गया, जो सीवन नगर की धार्मिक चेतना को और भी प्रखर करेगा।