इंडिया गौरव, राहुल सीवन। हलका विधायक देवेंद्र हंस ने अपने कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान हल्का के लोगों की समस्याएं सुनी, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लेकर खाद की किल्लत की गंभीर समस्या को उठाया। किसानों ने बताया कि धान और अन्य फसलों की बुवाई के समय यूरिया और डीएपी खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या पर विधायक देवेंद्र हंस ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को दूरभाष पर निर्देश दिए और कहा कि किसानों को जल्द से जल्द खाद मुहैया कराई जाए ताकि उनकी फसलें प्रभावित न हों और उनकी मेहनत बर्बाद न जाए। इसके बाद पत्रकारों से वार्ता में विधायक देवेंद्र हंस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब से प्रदेश और देश में भाजपा की सरकार बनी है, तब से हर वर्ग—चाहे वह किसान हो, मजदूर हो, व्यापारी हो या आम आदमी—लगातार परेशान है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक हर बार बुवाई के समय खाद की किल्लत जानबूझकर पैदा की जाती है, जिससे किसान हताश और परेशान हो जाते हैं। यह किल्लत कोई संयोग नहीं बल्कि सरकार की नाकामी और किसानों के प्रति उपेक्षा की साफ तस्वीर है।
विधायक ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है
विधायक ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अक्सर किसानों को खाद लेने के लिए थानों का रुख करना पड़ता है और खाद का वितरण अक्सर पुलिस की निगरानी में होता है। यह सरकार की नाकामी का सबसे बड़ा उदाहरण है क्योंकि पुलिस का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है, न कि खाद बंटवाना। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा की करनी और कथनी में जमीन-आसमान का फर्क है। चुनाव के वक्त बड़े-बड़े वायदे करने वाली भाजपा सत्ता में आते ही सत्ता के नशे में चूर हो जाती है और उसे किसानों सहित किसी वर्ग के हितों की कोई परवाह नहीं रहती।
देवेंद्र हंस ने कहा
देवेंद्र हंस ने कहा कि आज के दौर में खेती पहले ही घाटे का सौदा बन चुकी है। किसान महंगी खाद, डीजल और मजदूरी के बीच पिस रहा है और ऊपर से सरकार की संवेदनहीनता ने उसके जीवन को और भी कठिन बना दिया है। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो किसानों के पास खेती छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। सरकार की नीतियां न तो किसानों के पक्ष में हैं और न ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकार व प्रशासन को चेतावनी
उन्होंने सरकार व प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर किसानों को समय पर खाद उपलब्ध नहीं करवाई गई तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे और इसके लिए पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनके साथ अन्याय किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। सरकार को चाहिए कि वह खोखले वादों से हटकर जमीनी स्तर पर काम करे और किसान हितैषी योजनाएं लागू कर उन्हें राहत दे।विधायक ने यह भी कहा कि समय आ गया है जब किसानों को अपने अधिकारों के लिए जागरूक होना होगा और एकजुट होकर आवाज उठानी होगी क्योंकि अगर किसान कमजोर होगा तो देश की जड़ें कमजोर हो जाएंगी।

