इंडिया गौरव, राहुल सीवन । समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय, धार्मिक विचारों और अध्यात्मिक चिंतन के लिए पहचाने जाने वाले भीषु चौधरी ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रभु सिमरन एवं नाम जप की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग, जिसे शास्त्रों में कलयुग कहा गया है, में मानव जीवन की शुद्धि, शांति और मोक्ष का एकमात्र मार्ग प्रभु के पावन नाम का स्मरण है।
भीषु चौधरी ने कहा
उन्होंने कहा कि जब जीवन में चारों ओर भागदौड़, तनाव और भटकाव का वातावरण हो, तब प्रभु का नाम ही ऐसा आधार है जो मनुष्य को मानसिक शांति, आत्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। हर व्यक्ति को अपनी व्यस्ततम दिनचर्या में से कुछ पल प्रभु के सच्चे नाम के जाप के लिए निकालने चाहिए।
भीषु चौधरी ने कहा कि प्रभु सिमरन मात्र धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाला दिव्य प्रकाश है। यह हमें सत्य, सेवा और संयम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है और हमारे अंत:करण को निर्मल बनाता है। उन्होंने कहा कि कलयुग में केवल प्रभु के नाम का स्मरण ही भवसागर से पार करवाने वाला है और वही जीवन की सच्ची पूंजी है।
अपने जीवन में आध्यात्मिकता को स्थान दें
उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे भौतिक उपलब्धियों से अधिक आत्मिक संतुलन को महत्व दें और अपने जीवन में आध्यात्मिकता को स्थान दें। प्रभु का स्मरण करने वाला कभी भी अकेला या असहाय नहीं होता, क्योंकि ईश्वर सदैव उसके साथ होते हैं।
भीषु चौधरी ने कहा कि समाज में प्रेम, करुणा, एकता और सद्भावना का वातावरण तभी निर्मित हो सकता है जब हम आत्मिक जागृति के मार्ग पर चलें। उन्होंने युवाओं और नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में प्रभु के नाम को अपनाएं और इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं।
इस अवसर पर अनमोल चौधरी एवं उषा चौधरी भी उनके साथ उपस्थित रहे और सभी ने एक स्वर में नाम सिमरन की आवश्यकता पर बल दिया।

