Saturday, December 6, 2025
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गीता ज्ञान के प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा : सुरेश सरदाना

इंडिया गौरव, राहुल सीवन। श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति सीवन के तीसरी बार निर्विरोध प्रधान बने और गीता मनीषी व महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के परम भक्त सुरेश सरदाना उर्फ राजू ने अपने तीसरे कार्यकाल के आरंभ पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि समिति के माध्यम से श्रीमद्भागवत गीता के प्रचार-प्रसार में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और हर संभव प्रयास कर अधिक से अधिक लोगों को गीता ज्ञान से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केवल एक दायित्व नहीं, बल्कि प्रभु श्रीकृष्ण की सेवा और

ईश्वर की कृपा और स्वामी ज्ञानानंद जी के आशीर्वाद

मानवता के कल्याण का माध्यम है जिसे मैं ईश्वर की कृपा और स्वामी ज्ञानानंद जी के आशीर्वाद से पूर्ण निष्ठा के साथ निभाऊंगा। उन्होंने बताया कि पिछले दो कार्यकालों में समिति द्वारा गीता पाठ, सत्संग, भजन संध्या, ध्यान एवं आध्यात्मिक जागरण के अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए और जनता को गीता के दिव्य संदेशों से अवगत कराया गया, जिससे लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला। सुरेश सरदाना ने कहा कि गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला और हर परिस्थिति में धैर्य, साहस एवं समत्व बनाए

श्रीमुख से प्राप्त गीता का ज्ञान मेरा पाथेय है

रखने का दिव्य पथ है। उन्होंने समिति के सभी पुराने और नए सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में प्रेम, करुणा, सेवा और अध्यात्मिक जागरूकता फैलाने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। सरदाना ने बताया कि आगामी कार्यकाल में गीता वितरण, निशुल्क आध्यात्मिक शिविर, संस्कारशाला, वृक्षारोपण, गौसेवा और रक्तदान जैसे सेवा कार्यों को भी और अधिक व्यापक रूप दिया जाएगा ताकि समाज के हर वर्ग तक समिति की सेवा पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के श्रीमुख से प्राप्त गीता का ज्ञान मेरा पाथेय है और उनका आशीर्वाद ही मेरी शक्ति का स्रोत है। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे गीता के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और समाज के उत्थान में

सुरेश सरदाना ने कहा

सक्रिय भागीदारी निभाएं। सुरेश सरदाना ने कहा कि हमारी समिति का लक्ष्य न केवल धार्मिक जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि सामाजिक सरोकारों को भी मजबूती देना है क्योंकि आध्यात्मिक उन्नति के बिना समाज की सच्ची उन्नति अधूरी है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे समिति से जुड़ें और गीता ज्ञान के प्रकाश को जन-जन तक पहुंचाने में सहभागी बनें। उन्होंने बताया कि गीता का अध्ययन और सच्चा आचरण ही जीवन में सफलता, सुख और शांति की कुंजी है। गीता हमें कर्म करते रहने की प्रेरणा देती है और भगवान श्रीकृष्ण का प्रेम हर प्राणी के भीतर बसता है। सुरेश सरदाना ने भरोसा दिलाया कि समिति के माध्यम से गीता प्रेम की यह मशाल हर घर तक पहुंचाई जाएगी और कोई भी इस ज्ञान से वंचित न रहे इसके लिए वे निरंतर प्रयासरत रहेंगे। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व सरपंच सतीश मुंजाल, हरिकिशन तनेजा, हरदीप नागपाल, कार्तिक सरदाना, चिराग सरदाना, दीपिका सरदाना, ममता सरदाना, शालिनी, अदिति आदि उपस्थित थे। 

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