इंडिया गौरव, राहुल सीवन श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति सीवन के तीसरी बार निर्वाचित हुए प्रधान सुरेश सरदाना राजू ने कहा कि यह पद उनके लिए कोई प्रतिष्ठा नहीं बल्कि सेवा का माध्यम है। उन्होंने कहा कि गीता मनीषी व महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञाननंद जी के आशीर्वाद से उन्हें समिति ने तीसरी बार जो यह जिम्मेवारी सौंपी है, वह उसे प्रधान नहीं बल्कि प्रधान सेवक के रूप में निभाएंगे।
सरदाना ने कहा कि वे गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के चरणों में अटूट श्रद्धा रखते हैं और उन्हीं की प्रेरणा से समाजसेवा को अपना धर्म मानते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने उन्हें हमेशा यही सिखाया है कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं और जब तक जीवन है, सेवा में ही समर्पित रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के माध्यम से अब तक अनेक धार्मिक, सामाजिक व जनकल्याणकारी कार्य किए गए हैं और आगे भी इसी गति से सेवा कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। गौसेवा, वृक्षारोपण, भंडारा सेवा, जरूरतमंदों की सहायता जैसे कई कामों को और अधिक विस्तार से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समिति की ओर से हर वर्ष गीता महोत्सव, श्रीमद्भगवद गीता पाठ, साधु संतों का स्वागत-सत्कार जैसे कई कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज का आशीर्वाद उनके लिए सबसे बड़ा संबल है और उन्हीं की कृपा से उन्हें लगातार सेवा का अवसर मिल रहा है।
उन्होंने समिति के सभी सदस्यों, भक्तों और समाज के प्रबुद्धजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दायित्व उनके लिए एक तपस्या की तरह है और वे निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित करना चाहते हैं। इस अवसर पर उनके साथ हरिकिशन तनेजा, सुरेंद्र सरदाना, कार्तिक सरदाना, चिराग, भुवनेश सरदाना, ममता सरदाना व दीपिका सरदाना उपस्थित रहे।

