इंडिया गौरव, राहुल सीवन। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व अपार श्रद्धा, भक्ति और समर्पण के साथ 10 जुलाई दिन वीरवार को मनाया जाएगा। सनातन परंपरा में गुरु को ईश्वर के समान वंदनीय स्थान प्राप्त है। गुरु ही अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाकर जीवन में ज्ञान, विवेक और प्रकाश का संचार करते हैं। बिना गुरु के जीवन दिशाहीन और अधूरा होता है।
राजीव गर्ग पटियाला ने कहा
इस बारे में अपने विचार व्यक्त करते पंजाब के युवा व प्रमुख समाजसेवी राजीव गर्ग पटियाला ने कहा कि गुरु शिष्य के जीवन का मार्गदर्शक होता है, जो हर कठिन समय में उसका संबल बनता है। गुरु के बिना मनुष्य का जन्म अधूरा और व्यर्थ होता है। उन्होंने कहा कि गुरु का सम्मान करना और उनके बताए मार्ग पर चलना ही सच्ची श्रद्धा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे गुरुजनों के सान्निध्य में अच्छे संस्कार और श्रेष्ठ विचार अपनाएं ताकि जीवन को श्रेष्ठ बनाया जा सके।
प्रमुख समाज सेविका निधि गर्ग पटियाला ने कहा कि गुरु बिना जीवन वैसा ही है जैसे दीपक बिना बाती। गुरु ही हमारे भीतर सोई हुई चेतना को जागृत कर जीवन को अर्थपूर्ण बनाते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु का आशीर्वाद हर कठिनाई में रक्षा कवच बनकर साथ देता है। गुरु पूर्णिमा का यह पर्व हमें जीवन के सही मार्ग की ओर अग्रसर होने और अपने भीतर झांकने का अवसर प्रदान करता है।
गुरु पूर्णिमा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि आत्मिक उन्नति का पर्व है
राजीव गर्ग और निधि गर्ग दोनों ने कहा कि गुरु पूर्णिमा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि आत्मिक उन्नति का पर्व है। इस दिन सच्चे दिल से गुरु का स्मरण और उनके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। बनावटी आडंबरों से दूर रहकर हृदय से अपने गुरु के प्रति श्रद्धा प्रकट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं वितरित करेंगे ताकि इस पावन दिन का पुण्य सभी तक पहुंच सके। राजीव गर्ग व निधि गर्ग ने कहा कि
गुरु पूर्णिमा का यह अनुपम पर्व जीवन में नवचेतना, अध्यात्मिक ऊर्जा और संस्कारों की अमिट छाप छोड़ता है। गुरुओं के चरणों में शीश नवाकर, उनके उपदेशों पर अमल कर ही जीवन की नैया पार लगाई जा सकती है।

