सीवन के स्वर्ग द्वार शिव मंदिर में श्रद्धा
इंडिया गौरव, राहुल सीवन। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर वीरवार को कस्बा सीवन के स्वर्ग द्वार शिव मंदिर में श्रद्धा, भक्ति और गुरु महिमा का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस विशेष अवसर पर मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश पांडे जी को शाल ओढ़ाकर, मिठाई खिलाकर और उनके चरणों में शीश नवाकर सम्मानित किया गया और सभी श्रद्धालुओं ने उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।इस आयोजन में जिला शिकायत निवारण कमेटी की सदस्य एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष शैली मुंजाल, मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन व भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष संजय सैनी नंबरदार विशेष रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान शैली मुंजाल व संजय सैनी ने गुरु के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है क्योंकि गुरु ही वह दिव्य शक्ति हैं जो अज्ञानता के अंधकार से बाहर निकालकर जीवन को सच्चाई, सद्गुण और आत्मिक प्रकाश की ओर अग्रसर करते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु ही हमारे पथप्रदर्शक होते हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी मार्गदर्शन कर जीवन को दिशा और संबल प्रदान करते हैं।
शैली मुंजाल ने कहा कि आज के समय
शैली मुंजाल ने कहा कि आज के समय में गुरुजनों का सम्मान और उनके बताए मार्ग पर चलना अत्यंत आवश्यक है ताकि हम अपने जीवन को सफल, संतुलित और सकारात्मक बना सकें। उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से आह्वान किया कि वे अपने जीवन में गुरु की शिक्षाओं को अपनाएं और संस्कारयुक्त जीवन जीने की प्रेरणा लें। संजय सैनी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि गुरु के आशीर्वाद से ही जीवन में सच्ची सफलता प्राप्त होती है और वही हमें सही और गलत का भेद समझाते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है और हमें इसका संरक्षण और सम्मान करना चाहिए।
मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन
इस अवसर पर मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, सत्संग और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। चारों ओर भक्तिरस और गुरु महिमा की मधुर गूंज सुनाई दी और श्रद्धालु आस्था और भक्ति के रंग में सराबोर नजर आए। सभी श्रद्धालुओं ने गुरुजनों के चरणों में शीश नवाकर मंगल कामनाएं कीं और इस पावन अवसर पर सकारात्मक ऊर्जा और शांति का अनुभव किया।इस विशेष कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ नगर के गणमान्य नागरिकों व ग्रामीणों ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी की और गुरु की महिमा का गुणगान करते हुए आध्यात्मिक वातावरण को और अधिक दिव्यता प्रदान की।

