लिवरपूल, 14 अगस्त (वेब वार्ता)। भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक बोधना शिवानंदन दुनिया की
सबसे कम उम्र की इंटरनेशन चेस मास्टर बन गई हैं। अब वह ग्रैंडमास्टर के खिताब से सिर्फ एक
सीढ़ी दूर रह गई हैं। 10 साल की बोधना ने पिछले हफ्ते ब्रिटिश चेस चैंपियनशिप में 60 वर्ष की
ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराकर चौंका दिया था। वह किसी ग्रैंडमास्टर को हराने वाली सबसे कम
उम्र की महिला खिलाड़ी बनकर इतिहास रचा था। तब हैरान कॉमेंटेटर ने कहा था कि आखिर वह
जीत कैसे गई, यह जरूर कोई जादूगरनी होगी।
पिछले साल बोधना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेल में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली
सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनकर इतिहास रचा था। उन्हें तब हंगरी में होने वाले चेस ओलंपियाड के
लिए इंग्लैंड की महिला टीम में चुना गया था। हैरो की इस 10 वर्षीय खिलाड़ी ने रविवार को
लिवरपूल में 2025 ब्रिटिश शतरंज चैंपियनशिप के अंतिम दौर में 60 वर्षीय ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स
को हराकर जीत हासिल की। 10 साल, पांच महीने और तीन दिन की उम्र में शिवानंदन की यह जीत
अमेरिकी कैरिसा यिप के 2019 के रिकॉर्ड को तोड़ती है, जो आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनीं।
इंग्लैंड चेस फेडरेशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बोधना की जीत ने महिला इंटरनेशनल मास्टर
खिताब हासिल करने के लिए आवश्यक अंतिम ‘मानदंड’ या परिणाम भी हासिल कर लिया है, जो
शतरंज के सर्वोच्च खिताब ग्रैंडमास्टर की ओर एक कदम है। बोधना ने इस आयोजन के दौरान 24
रेटिंग अंक हासिल किए और 26वें स्थान पर रहीं।
ईसीएफ के विशेषज्ञ कमेंटेटर डैनी गोरमली ने कहा, “आखिरकार उन्होंने यह कैसे जीत लिया। वह
जरूर कोई जादूगरनी होंगी। उन्हें सरल पोजिशनल मूव्स खेलना पसंद है, कुछ खास नहीं, वह बहुत
मजबूत खिलाड़ी हैं और खेल के आखिर में अपने विरोधियों को मात देने का प्रयास करती हैं। उनके
खेल में विश्व नंबर एक मैग्नस कार्लसन या महान जोस राउल कैपब्लांका की झलक दिखती है। मुझे
लगता है कि मैग्नस कार्लसन शायद उनके शतरंज के नायकों में से एक हैं।”

