अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ पर नमामि गंगे ने गंगा द्वार पर उतारी
आरती
वाराणसी, 31 दिसंबर । रामनगरी अयोध्या में भगवान रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा
के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रतिष्ठा द्वादशी पर बुधवार को नमामि गंगे की ओर से श्री
काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर प्रभु श्री रामलला की आरती उतारी गई। भगवान श्री राम से
समृद्धशाली, विकसित, आत्मनिर्भर और आरोग्य पूर्ण स्वस्थ भारत का आशीर्वाद मांगा गया। आज
से दो वर्ष पूर्व पौष महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन ही अयोध्या में रामलला के विग्रह की
प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के संयोजन में भगवान
श्रीरामलला का चित्र लेकर काशी के पौराणिक ललिता घाट पर पूजन किया गया। माता की तरह
हितकारिणी नदियों के निर्मलीकरण की प्रार्थना की गई। आरोग्य पूर्ण स्वस्थ भारत के लिए गुहार
लगाई गई। इस दौरान राजेश शुक्ला ने कहा कि अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मंदिर का निर्माण
देश में सद्भाव, समन्वय, समरसता तथा सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाने का अत्यंत सजीव और
सशक्त अवसर रहा है। प्रभु श्रीराम से हमें पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा मिलती है। श्रीराम का संपूर्ण
जीवन प्रकृति- प्रेम एवं पर्यावरण चेतना से ओत-प्रोत है। उन्होंने कहा कि जितनी आस्था एवं भक्ति
से जन-जन ने श्री राम के प्रति अपनी भक्ति और आस्था व्यक्त की है, उतनी ही आस्था और
संकल्प से अब हर व्यक्ति को श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतरना होगा। स्वयं को श्री
राममय और प्रकृतिमय बनाना होगा। आयोजन में धर्मचंद शर्मा, सुवर्णा, दत्तात्रेय, रामजानकी शर्मा,
महादेव मिश्रा, हनुमान प्रसाद आदि ने भागीदारी की।

