Saturday, December 6, 2025
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अयोध्या के अमौना विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र का राज्यपाल ने किया निरीक्षण, बच्चों के समग्र विकास पर दिया जोर

लखनऊ, 07 जुलाई । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अयोध्या जनपद के मसौदा विकासखंड स्थित कंपोजिट विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र, अमौना का भ्रमण एवं निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शैक्षिक, पोषण एवं आधारभूत व्यवस्थाओं का गहन अवलोकन करते हुए मिड-डे मील की गुणवत्ता स्वयं परखी और विद्यार्थियों के समग्र विकास को प्राथमिकता देने की बात कही। राज्यपाल ने विद्यालय परिसर में स्थित रसोईघर, डिजिटल स्मार्ट क्लासरूम और आंगनबाड़ी केंद्र का जायजा लिया।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल स्वयं भोजन का स्वाद लेकर उसकी गुणवत्ता का मूल्यांकन किया

उन्होंने मिड-डे मील की व्यवस्था को बारीकी से देखा और स्वयं भोजन का स्वाद लेकर उसकी गुणवत्ता का मूल्यांकन किया। इसके साथ ही उन्होंने खाना बना रही रसोइयों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संवाद कर बच्चों को उपलब्ध सुविधाओं, पोषण कार्यक्रमों के संचालन, स्वच्छता और उपस्थिति से संबंधित जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने नन्हे-मुन्ने बच्चों से आत्मीयता से संवाद किया। बच्चों ने उनके सामने प्रार्थना, कविताएं, गीत और गिनती प्रस्तुत की, जिसे सुनकर राज्यपाल ने उनकी सराहना की और स्वयं उन्हें फल एवं चॉकलेट वितरित कर उनका उत्साहवर्धन किया। राज्यपाल ने कक्षाओं का भी निरीक्षण किया और विद्यार्थियों से पाठ्य पुस्तकों को भी पढ़वाया। उन्होंने डिजिटल शिक्षण की व्यवस्था को

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

भी देखा और शिक्षकों से उसकी प्रभावशीलता पर चर्चा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए केवल अकादमिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों, योग, खेलकूद और प्रेरणादायक प्रसंगों की जानकारी देना भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यालयों में बच्चों को प्रतिदिन प्रार्थना कराना, महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा देना, नैतिक शिक्षा देना तथा योग और खेलकूद को नियमित अभ्यास में लाना चाहिए ताकि बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास और संस्कार विकसित हों। राज्यपाल के इस निरीक्षण को शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता, अनुशासन और संवेदनशीलता लाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उनके दौरे से स्थानीय प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन को यह संदेश भी गया है कि बच्चों की शिक्षा और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक स्तर पर सतत निगरानी और सुधार की आवश्यकता है।

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