Saturday, December 6, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशवाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की आरती कर दिया रामराज्य...

वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की आरती कर दिया रामराज्य का संदेश

वाराणसी, 20 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्योतिपर्व दीपावली पर सोमवार
दोपहर को उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जन्मस्थली लमही स्थित सुभाष भवन में सुखद और
गौरवान्वित करने वाला सुखद नजारा दिखा। यहां मुस्लिम महिलाओं ने नफरत की आग में झुलस रहे

आपसी रिश्तों को बचाने और दुनियां को शांति का पैगाम देने के लिए भगवान राम के चित्र की
आरती उतारी और देश में रामराज्य का संदेश दिया।

दीपावली पर्व पर मुस्लिम महिला फाउंडेशन एवं विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 19
वर्षों से चली आ रही परम्परा को निभाने के लिए मुस्लिम महिलाएं अच्छी खासी संख्या में सुभाष

भवन में जुटीं। जगद्गुरु बालक देवाचार्य के मार्गदर्शन में मुस्लिम महिलाओं ने सजावटी थाल में
दीपक जलाकर भगवान श्री राम, माता जानकी की प्रतिमा की आरती की। सभी ने नाज़नीन अंसारी

द्वारा उर्दू में लिखित श्रीराम आरती मिलकर गाया। महिलाओं ने भगवान राम की आरती कर
अलगाववादियों, नफरती गैंग, कट्टरपंथी समूहों को आइना दिखाया। जगद्गुरु स्वयं मुस्लिम
महिलाओं के साथ आरती में खड़े रहे। आरती के बाद फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने
सबको भगवान श्रीराम भोग का वितरण किया।

इस अवसर पर जगद्गुरु बालक देवाचार्य महाराज ने कहा कि इस तस्वीर को देखकर दुनियां के
लोग सबक लें। घर परिवार से लेकर देश में शांति स्थापित करनी है तो राम के नाम का ही सहारा
लें। राम की संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने की है। बिना भेद किये सभी को गले लगाने की है।

मुस्लिम महिलाओं ने अपने पूर्वजों की संस्कृति को माना, अपने मूल जड़ से जुड़ीं। इनका प्रयास
रामराज्य की दिशा में बड़ा कदम है।
फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि हमने मजहब बदला है, धर्म नहीं। धर्म तो

सिर्फ सनातन है। हम सभी सनातनी हिन्दू हैं। अपने पूर्वजों और परम्पराओं से सभी भारतीय एक हैं।
बस पूजा करने का तरीका बदल लिया, इसकी वजह से अपने पूर्वजों और परम्पराओं को छोड़ दें, यह
कैसे हो सकता है। राम के आने का मतलब सुख, समृद्धि, शांति, दया, प्रेम, करुणा, सम्बन्ध,

संस्कार, एकता, त्याग और सम्मान है। केवल राम नाम से यह सम्भव है तो हर देश को राम नाम
की पूंजी अपने परिवार और देश को बचाने के लिए एकत्र करना चाहिए।
संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव ने कहा कि रामपंथ ही दुनियां में फैली नफरत को खत्म करने

का एकमात्र साधन है। जहाँ राम के कदम पड़ेंगे वहां रामराज्य का सुखद अनुभव होगा। राम के आने
का मतलब पीड़ा से मुक्ति, प्रेम की वृद्धि और सेवा का संस्कार है। संस्थान की केन्द्रीय परिषद
सदस्य डॉ. नजमा परवीन ने कहा कि हम इतने बेगैरत नहीं की अपने पूर्वजों को भूलकर अरबी और

तुर्की बनने का नाटक करें। हम शुद्ध भारतीय हैं और हमारी जड़े सनातन में ही है। कार्यक्रम में डॉ
अर्चना भारतवंशी, डॉ मृदुला जायसवाल, नगीना, सितारा बानो, चाँदनी, जरीना, शमशुननिशा, सरोज,
गीता, इली, खुशी, उजाला, दक्षिता आदि ने भागीदारी की।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments