उपराष्ट्रपति ने शेरवुड कॉलेज के 156वें स्थापना दिवस पर युवाओं से किया राष्ट्र निर्माण का
आह्वान
नैनीताल, 27 जून । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को अपने तीन दिवसीय
नैनीताल प्रवास के अंतिम दिन नगर के ऐतिहासिक एवं प्रतिष्ठित शेरवुड कॉलेज के 156वें स्थापना
दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए युवाओं से राष्ट्र,
समाज और मानवता के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य को केवल
व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसे व्यापक बनाकर समाज और देश के लिए
समर्पित करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को स्मरण कराया कि इतिहास केवल उन्हें याद रखता है
जिन्होंने दूसरों के लिए जीवन जिया हो। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक गहराई 5000 वर्षों की
है और उसे बिना शर्त पूर्ण राष्ट्रवाद की आवश्यकता है।
शिक्षा को लोकतंत्र की रीढ़ बताते हुए उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा केवल विशेषाधिकार नहीं,
एक समतुल्य साधन है जो समाज में समानता स्थापित करता है। अभिभावकों से उन्होंने अपील की
कि वे बच्चों पर करियर तय करने का दबाव न डालें और उन्हें स्वयं अपनी राह चुनने दें, ताकि वे
केवल सत्ता या पैसे की ओर न भागें।
उपराष्ट्रपति ने भारत को अब संभावनाओं वाला नहीं, बल्कि संभावनाओं को साकार करने वाला राष्ट्र
बताया। उन्होंने बीते दशक को भारत के लिए आर्थिक प्रगति, वैश्विक स्तर पर पहचान और
अधोसंरचना विकास का दशक बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब सबसे तेज गति से बढ़ती प्रमुख
अर्थव्यवस्था बन चुका है।
पूर्व छात्रों की विरासत की चर्चा करते हुए उन्होंने शेरवुड कॉलेज के पूर्व छात्रों-मेजर सोमनाथ शर्मा
और फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ सहित अनेक विभूतियों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि शेरवुड
कॉलेज केवल एक संस्थान नहीं, एक परंपरा है और विद्यार्थियों को इस परंपरा का उत्तरदायित्व
समझते हुए नए मानक स्थापित करने होंगे। युवाओं की भूमिका पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा
कि भारत के पास एक विशेष जनसांख्यिकीय लाभांश है, जहां 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम
उम्र की है। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में हमें परिवर्तन का अनुसरण नहीं, बल्कि
आवश्यकता के अनुसार स्वयं परिवर्तन गढ़ना है।
उन्होंने भारत द्वारा जी-20 में प्रस्तुत ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’’ के संदेश को दोहराया।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन जैसे तकनीकी परिवर्तन अब
विद्यालयों तक पहुंच चुके हैं और युवाओं को इनके अनुरूप स्वयं को ढालना होगा, ताकि वे राष्ट्र के
योग्य नागरिक बन सकें।
इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि शेरवुड
कॉलेज शिक्षा का ही नहीं, चरित्र निर्माण का केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान केवल ज्ञान देने
का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला भी रहा है। उन्होंने छा
प्रत्येक सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राष्ट्र की संपत्ति है। राज्यपाल ने कहा कि जब
विद्यार्थी समाज की समस्याओं को अपनी जिम्मेदारी समझने लगें, तभी हम सही दिशा में बढ़ रहे
होते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि यह समय उनका है और उन्हें अपनी पहचान चरित्र और समर्पण के
माध्यम से बनानी चाहिए।
कार्यक्रम में मंडलायुक्त दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना सिंह,
पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा, प्रधानाचार्य अमनदीप सिंह संधू सहित अनेक गणमान्यजन
उपस्थित रहे

