राज्यपाल ने युवाओं को तकनीक और नवाचार में आगे बढ़ने का किया आह्वान
देहरादून, 15 अगस्त )। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने 79 वें
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में ध्वजारोहण किया। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि
प्रत्येक क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है, यह आत्मनिर्भरता हमारे विकास का आधार है।
राज्यपाल ने देश व प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए महान स्वतंत्रता
सेनानियों एवं शहीदों को श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने कहा कि उनके त्याग, बलिदान, शौर्य और
संघर्ष के बल पर हमें आजादी प्राप्त हुई है। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि भारत ने 2047 तक
विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है। उन्होंने युवाओं को तकनीक और नवाचार में आगे बढ़ने का
आह्वान करते हुए विश्वास जताया कि 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में विश्व के
सामने खड़ा होगा।
राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल स्वदेशी यानी अपने डेटा, सॉफ्टवेयर और तकनीक पर निर्भर रहना
जरूरी है, यह हमारी अर्थव्यवस्था और सुरक्षा दोनों के लिए अहम है। आने वाले 22 साल भारत के
लिए आर्थिक और तकनीकी रूप से मजबूत बनने का सुनहरा समय है। आज विश्व में मुकाबला
तकनीक, अर्थव्यवस्था और नवाचार के स्तर पर हो रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले समय
की सबसे बड़ी ताकत है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, परिवहन और रक्षा जैसे सभी क्षेत्रों में बदलाव ला रही है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद देवभूमि निरंतर प्रगति के
पथ पर अग्रसर है। योग,आयुर्वेद,हनी,अरोमा और वेलनेस जैसे क्षेत्रों में यहां अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें
आर्थिक अवसरों में बदलना हमारी साझा जिम्मेदारी है। कृषि, जैविक खेती और औद्यानिकी को
सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की भी प्रशंसा की।
राज्यपाल ने कहा कि मातृशक्ति और बेटियों की प्रतिभा पर हमें बेहद गर्व है। उनकी मेहनत, साहस
और प्रतिभा प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। उन्होंने युवाओं और महिलाओं के कौशल विकास
के साथ-साथ नई तकनीकों एआई, स्पेस, साइबर, क्वांटम और रोबोटिक्स में सहभागिता बढ़ाने की
आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी कौशल किशोर शुक्ल, एडीसी अमित
श्रीवास्तव, मेजर सुमित कुमार शादिजा, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, वित्त नियंत्रक
डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. महावीर सिंह और डॉ. एके सिंह सहित राजभवन में
तैनात अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

